Hi,
"Vande Mataram"
On the dawn of 62th Independence day, We all remember the sacrifices done by our National Heroes for the freedom of self respect and self identity. Country has paved a long journey of 61 years of freedom, contributing in National growth on global platform and making an big entity in this competition. India has made its presence in developing nations.
But have we ever though about our internal issues? I am not talking about our political level, where every politician want to enjoy the cream layer of our economy॥ and making country more poor।
आज एक भारतीय होने के नाते आपने देशके लीए कया कीया है? आज जब भी रोडपे दुर्घटनाऐ होती है आज हमसे कीतने अपने भाईयोंकी मदत करते है? आज जब कोई मजलूम को पीड़ित कीया जाता है, हमेसे कीतने उनके लीए अत्याचार के खिलाफ आवाज़ उठाते है? हम आज इतने निर्दयी हो गए की, अपने ही देश वासियों की दुखों को यूँ नजर अंदाज़ कर रहे है। आतंकवादी हमले होते है तब हम कोसते है की "इस देश का कुछ नही हो सकता" हाँ पर इसमे आप भी जिम्मेदार है | आप की इसी आदत के वजह से आतंकवादी आज हमारे मातृभूमि को छल्लनी कर रहे है... अगर आज हम थोडी सतर्कता दिखाए तो हम अपनी भारतमाता को इस आतंक से बचा सकते है।
थोडी सतर्कता और थोड़ा भाईचारा हमारे देश को इस आतंक और जुल्म से बचा सकता है। ख़ुदके बारे में तो सभी सोचते है, थोड़ा वक्त अपने भारतमाता का कर्ज अदा करने के लीए भी तो निकालो॥!!
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देश की गरीमा और स्वतंत्र भारत के चरनोमें समर्पित... जय हींद !!!!
"Vande Mataram"
On the dawn of 62th Independence day, We all remember the sacrifices done by our National Heroes for the freedom of self respect and self identity. Country has paved a long journey of 61 years of freedom, contributing in National growth on global platform and making an big entity in this competition. India has made its presence in developing nations.
But have we ever though about our internal issues? I am not talking about our political level, where every politician want to enjoy the cream layer of our economy॥ and making country more poor।
आज एक भारतीय होने के नाते आपने देशके लीए कया कीया है? आज जब भी रोडपे दुर्घटनाऐ होती है आज हमसे कीतने अपने भाईयोंकी मदत करते है? आज जब कोई मजलूम को पीड़ित कीया जाता है, हमेसे कीतने उनके लीए अत्याचार के खिलाफ आवाज़ उठाते है? हम आज इतने निर्दयी हो गए की, अपने ही देश वासियों की दुखों को यूँ नजर अंदाज़ कर रहे है। आतंकवादी हमले होते है तब हम कोसते है की "इस देश का कुछ नही हो सकता" हाँ पर इसमे आप भी जिम्मेदार है | आप की इसी आदत के वजह से आतंकवादी आज हमारे मातृभूमि को छल्लनी कर रहे है... अगर आज हम थोडी सतर्कता दिखाए तो हम अपनी भारतमाता को इस आतंक से बचा सकते है।
थोडी सतर्कता और थोड़ा भाईचारा हमारे देश को इस आतंक और जुल्म से बचा सकता है। ख़ुदके बारे में तो सभी सोचते है, थोड़ा वक्त अपने भारतमाता का कर्ज अदा करने के लीए भी तो निकालो॥!!
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देश की गरीमा और स्वतंत्र भारत के चरनोमें समर्पित... जय हींद !!!!
1 comment:
Hello Tanmaya,
I really agree with your great and broadminded thoughts. Instead of encouraging everyone, we have to start with ourselves initiative with all possible ways for contributing in National growth on global platform. Nothing is impossible, just need our initiative, efforts and positive attitude.
Regards,
Tukaram G.
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